धुंधली होती दुनिया? आंखों में मोतियाबिंद के लक्षणों को पहचानें
Verified By डॉ. उर्वशी गोजा | 11-Jun-2024
धीरे-धीरे दुनिया धुंधली होती जा रही है? क्या आपको रात में गाड़ी चलाने में परेशानी होती है? या फिर आपको चमकदार रोशनी के आसपास चकाचौंध दिखाई देती है? ये सब आंखों में मोतियाबिंद के लक्षण हो सकते हैं। मोतियाबिंद, जिसे इंग्लिश में Cataract कहा जाता है, एक ऐसा रोग है जिसमें आंखों के लेंस में धुंधलापन आ जाता है, जिससे दृष्टि में कमी आ सकती है। यह मुख्य रूप से वृद्धावस्था में होने वाली समस्या है, लेकिन किसी भी उम्र में हो सकता है। मोतियाबिंद के शुरुआती लक्षणों को पहचानना बहुत जरूरी है ताकि सही समय पर इलाज कराया जा सके। इस लेख में हम डॉ. उर्वशी गोजा, रेटिना स्पेशलिस्ट, कैलाश हॉस्पिटल, नोएडा की मदद से मोतियाबिंद के लक्षणों के बारे में जानेंगे।
डॉ. उर्वशी गोजा कहती हैं, "मोतियाबिंद के शुरुआती लक्षणों को पहचानना और समय पर इलाज करवाना महत्वपूर्ण है। यदि मोतियाबिंद का इलाज नहीं किया जाता है, तो यह दृष्टि हानि और अंधापन का कारण बन सकता है।"
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- धुंधली दृष्टि: मोतियाबिंद का सबसे सामान्य लक्षण धुंधली दृष्टि है। शुरुआत में यह समस्या हल्की हो सकती है, लेकिन समय के साथ यह गंभीर हो सकती है। धुंधली दृष्टि से पढ़ने, ड्राइविंग करने और अन्य दैनिक गतिविधियों में मुश्किल हो सकती है।
- रात के समय दृष्टि में कमी: मोतियाबिंद के मरीजों को रात के समय या कम रोशनी में देखने में परेशानी हो सकती है। यह समस्या विशेष रूप से ड्राइविंग के दौरान गंभीर हो सकती है।
- रंगों का फीकापन: मोतियाबिंद के कारण रंगों की पहचान में कठिनाई हो सकती है। कई बार यह देखा गया है कि रंग धुंधले या पीले दिखाई देने लगते हैं।
- रोशनी के चारों ओर हल्के घेरे: कई लोग यह महसूस करते हैं कि लाइट के चारों ओर हल्के घेरे या हॉलो दिखाई देते हैं। यह लक्षण विशेष रूप से गाड़ी चलाते समय और गाड़ियों की हेडलाइट्स के सामने आते समय देखने को मिलता है।
- दोहरी दृष्टि: मोतियाबिंद के कारण कभी-कभी एक ही आंख से दोहरी दृष्टि (डबल विजन) हो सकती है। यह लक्षण अधिकतर मोतियाबिंद के बढ़ने के साथ साफ होता है।
- आंखों की थकान: लंबे समय तक काम करने या पढ़ने के बाद आंखों में थकान या जलन महसूस होना भी मोतियाबिंद का संकेत हो सकता है।
डॉ. गोजा आगे कहती हैं, "यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत नेत्र चिकित्सक से संपर्क करना महत्वपूर्ण है।"
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डॉ. उर्वशी गोजा, रेटिना स्पेशलिस्ट, कैलाश हॉस्पिटल, नोएडा कहती हैं, "मोतियाबिंद मुख्य रूप से वृद्धावस्था का परिणाम होता है, लेकिन इसके अन्य कारण भी हो सकते हैं जैसे डायबिटीज, आंखों में चोट, कुछ दवाइयों का दुष्प्रभाव, और आनुवंशिकता।"
- वृद्धावस्था: वृद्धावस्था में आंखों के लेंस की संरचना में बदलाव आते हैं जिससे मोतियाबिंद हो सकता है।
- डायबिटीज: डायबिटीज के मरीजों में मोतियाबिंद होने का जोखिम अधिक होता है।
- आंखों में चोट: किसी भी प्रकार की आंखों में चोट या सर्जरी मोतियाबिंद का कारण बन सकती है।
- दवाइयों का दुष्प्रभाव: स्टेरॉयड जैसी कुछ दवाइयों के लंबे समय तक उपयोग से मोतियाबिंद हो सकता है।
- आनुवंशिकता: अगर परिवार में किसी को मोतियाबिंद हुआ हो, तो यह रोग अन्य सदस्यों में भी होने की संभावना होती है।
मोतियाबिंद का इलाज मुख्य रूप से सर्जरी द्वारा किया जाता है। प्रारंभिक अवस्था में चश्मे के उपयोग से थोड़ी राहत मिल सकती है, लेकिन समय के साथ सर्जरी ही एकमात्र विकल्प बन जाता है।
डॉ. उर्वशी गोजा के अनुसार, "मोतियाबिंद सर्जरी एक सुरक्षित और प्रभावी प्रक्रिया है जिसमें धुंधले लेंस को हटा कर एक कृत्रिम लेंस लगाया जाता है। इस प्रक्रिया से दृष्टि में सुधार होता है और मरीज सामान्य जीवन जी सकता है।"
मोतियाबिंद का इलाज आमतौर पर सर्जरी द्वारा किया जाता है। यह सुरक्षित और प्रभावी प्रक्रिया है जो दृष्टि में सुधार कर सकती है। कैलाश हॉस्पिटल (Kailash Hospital, Noida) में आधुनिक तकनीकों और अनुभवी डॉक्टरों की टीम द्वारा मोतियाबिंद का सफल इलाज किया जाता है।
- फेकोएमल्सिफिकेशन: यह सबसे सामान्य प्रकार की मोतियाबिंद सर्जरी है जिसमें धुंधले लेंस को अल्ट्रासोनिक तरंगों की मदद से हटाया जाता है और एक कृत्रिम लेंस लगाया जाता है।
- एक्स्ट्राकैप्सुलर सर्जरी: इस प्रकार की सर्जरी में लेंस को हटाने के लिए एक बड़ा चीरा लगाया जाता है। यह प्रक्रिया तब की जाती है जब मोतियाबिंद बहुत बड़ा हो।
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हालांकि मोतियाबिंद को पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता, लेकिन कुछ उपाय करके इसके जोखिम को कम किया जा सकता है।
- धूप से बचाव: सूरज की हानिकारक यूवी किरणों से बचने के लिए सनग्लासेस पहनें।
- संतुलित आहार: विटामिन C और E, जिंक और एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर आहार लें जो आंखों की सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं।
- धूम्रपान से बचें: धूम्रपान मोतियाबिंद के जोखिम को बढ़ा सकता है, इसलिए इसे छोड़ें।
- नियमित आंखों की जांच: नियमित रूप से आंखों की जांच कराएं ताकि किसी भी प्रकार की समस्या को समय रहते पहचाना और इलाज किया जा सके।
मोतियाबिंद एक सामान्य आंखों की समस्या है जो उम्र बढ़ने के साथ बढ़ सकती है। इसके शुरुआती लक्षणों को पहचानना और समय पर इलाज कराना बेहद जरूरी है। डॉ. उर्वशी गोजा, रेटिना स्पेशलिस्ट, कैलाश हॉस्पिटल, नोएडा की सलाह है कि "अगर आपको किसी भी प्रकार का धुंधलापन, दोहरी दृष्टि या आंखों में थकान महसूस हो, तो तुरंत नेत्र विशेषज्ञ से संपर्क करें।" कैलाश हॉस्पिटल, नोएडा में विशेषज्ञों की टीम और आधुनिक उपकरणों की मदद से मोतियाबिंद का सफल इलाज किया जाता है। अपनी दृष्टि की सुरक्षा के लिए समय पर जांच और इलाज कराएं।